गाँव और पशु
“इस वर्ष भी आषाढ़ सूखा ही रहा।”
लोककथा से जाहिर होता है कि गोमा के गाँव में तीन साल से वर्षा नहीं हुई थी। वर्षा न होने के कारण उनके गाँव के बैलों, खेतों और पेड़ो में क्या बदलाव आए होंगे?
लोककथा के अनुसार गांव में तीन साल से वर्षा नहीं हुई थी। इससे न सिर्फ गोमा के खेत बल्कि गांव के तमाम बैल और पेड़-पौधे भी प्रभावित हो रहे थे। गांव में सूखा फैलने की स्थिति बन गई थी। ऐसे में बैलों को कुछ खाने के लिए भी नहीं मिला होगा। गोमा के बैल अब पहले से ज्यादा कमजोर होने लगे थे। किसान गोमा की आर्थिक स्थिति भी बदतर होती जा रही थी। इसके अलावा खेतीबाड़ी की जमीनें बंजर होने लगी होंगी|